भारतीय राजनीति का वो योद्धा जो कभी किसी सरकार के आगे झुकना नहीं सीखा जो दलितों शोषित पीड़ित समाज को आवाज दिया जिनका नाम "लालू प्रसाद यादव" है
90 के दशक तक बिहार में ऊंची जातियों का आतंक था
फसल गरीब तैयार करता था अनाज इन ऊंची जातियों के घर में जाता था
निचली जातियों के साथ ये लोग गुलाम की तरह व्यवहार करते थे
फिर इंट्री होती है बिहार के हीरो लालू जी की जिन्होंने सामंतवाद को जड़ से उखाड़ के फेंक दिया और गरीबों को उनका अधिकार दिलाया
लालू न तो सोनिया गांधी नहीं हैं न ही मायावती जिन्हें आप तंग करेंगे तो लोग सिर झुकाए देखते रहेंगे।
लालू गुदड़ी के लाल हैं, बिहार में हुए सामाजिक परिवर्तन के अश्वमेध घोड़े के सारथी हैं.. जिन्हें समाज का बड़ा हिस्सा नायक मानता है।
यही कारण है कि लगभग डेढ दशक तक विपक्ष में रहने के बावजूद लालू प्रसाद यादव की राजनीति खत्म नहीं हुई है।
ये उन चंद नेताओं में हैं जो शारीरिक रूप से अस्वस्थ होने के बावजूद भी जनता के बीच प्रासंगिक बने हुए हैं। यह ताकत अटल, आडवाणी, मोदी और शाह को नसीब नहीं है।
एक ही मामले में बार बार छापा मारना और नतीजा शून्य निकलना साबित कर रहा है कि गुजराती आदमखोर तोते पर सवार हो कर बेहयाई कर रहा है।
ऐसा लगता है बिहार की तासीर को समझने में गुजरात लॉबी को भूल हो रही है। लालू प्रसाद यादव को तंग करने के परिणाम मोदी शाह की राजनीति के लिए बुरे हो सकते है।
अभी लालू अकेले भी नहीं है कि यादव विरोध के नाम पर उन्हें निहत्था कर दोगे। मोदी शाह के नेतृत्व में पिछड़ों के अधिकारों का दमन से लोगों में गुस्सा भरा है ऐसे ही दौर में पिछड़ों के संघर्ष के नायक लालू प्रसाद यादव को तंग करना आग में घी डालने का काम करेगा।
लालू ऐसे नेता का नाम है जिसे बिहार के लोग मोहब्बत करते हैं। इनसे ज्यादा जन बल उत्तर भारत में शायद ही किसी नेता को नसीब हुआ होगा किंतु उस दौर में भी लालू यादव ने कभी प्रतिशोध की राजनीति नही की।
आज जो गुज्जू ताकत का नंगा नाच कर रहे हैं वो नही जानते हैं कि लालू जी उदारता और सहज स्वभाव के कारण उन लोगों के बीच भी लोकप्रिय हैं जो लालू जी को वोट नहीं देते हैं।
बिहार अभी भी बीजेपी के लिए अबूझ पहेली है। शायद इसी लिए बीजेपी सोच रही होगी शारीरिक रूप से अस्वस्थ लालू को परेशान करने का राजनितिक दांव उनके लिए फायदे का सौदा होगा, किंतु उन्हें खबर हो कि सहानुभूति की लहर लालू प्रसाद यादव की तरफ घुम गया है। अगले लोकसभा में बिहार में बीजेपी की जमीन नहीं बचेगी।
जनाब! छोड़ दीजिए सड़कों की बात, स्ट्रीट फाइट की बात... आपको जंगल राज पार्ट 2 के आरोप को सत्यापित करने का मौका नहीं मिलेगा। आपके ट्रैप में बिहार फंसने वाला नहीं है। बल के साथ बुद्धि भी है।
सनद रहे कि गुज्जू सेठ धन के लिए जाने जाते हैं तो बिहारी भी बुद्धि के लिए जाना जाता है।
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