आज कल के कुछ नए नौजवान युवा कहते है की लालू जी ने क्या किया ?
तो सुनिए !! लालू जी ने बिहार को उबारा है, बिहार के दलित, शोषित, वंचित लोगो को आवाज दिया है, उन्हें तन कर चलने का साहस दिया है। जिसके सामने आपके बाप दादाओ की औकात खड़े होने की नही थी , आज उसके सामने आप नजर से नजर मिलाकर बोल रहे है। वो लालू प्रसाद यादव जी का ही देन है ।
वह समय याद करिए जब कर्पूरी ठाकुर जी जैसा गरीबो का मसीहा बिहार में मुख्यमंत्री रहते हुए विधानसभा में अपमानित हुए थे । पटना के चौराहों पर बिहार के मुख्यमंत्री श्री कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी मुख्यमंत्री की गाड़ी रोककर गालियां दी गयी थी और कर्पूरी जी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि गालियां देना इनका जन्मसिद्ध अधिकार है और हम लोग गालियां बर्दाश्त करने वाले लोग हैं।
एक वह समय था और एक वह समय आया जब लालू जी जैसा चमत्कारी नेतृत्व कर्पूरी जी के अरमानों को मूर्त रूप देना शुरू किये तो उन गालियां देने वालो की हलक सूख गई और कर्पूरी जी को गालियां देने वाले लालू जी के नेतृत्व में नारा लगाने लगे कि “कर्पूरी तेरे अरमानो को दिल्ली तक पँहुचाना है”....
लालू जी को पिछड़े-वंचित समाज के लोग जो उन्हें उनके योगदान को जाने बगैर तथा अपने पुरखों की दुर्गति को याद किये बगैर जब दोषारोपित करते हैं तो बड़ी कोफ्त होती है कि ये नई पीढ़ी के बदमिजाज लोग जिन्हें लालू जी के कारण चौराहे पर दबंगो के सामने बोलने की आवाज मिली है वे उसे ही और उनके योगदान को ही भूल गए ?
याद करना होगा 1977 का वह दौर जब बिहार के सामंती प्रबृत्ति के लोग पिछड़े वर्ग के मुख्यमंत्री को उनके मुंह पर गालियां देने की हिम्मत रखते थे और 1989 में लालू जी के सामने जमीन पर बैठने में भी गर्व महसूस करने लगे और कर्पूरी ठाकुर जी की संतानों को गले लगाने लगे ।
इसलिए इन्हें कहते है ....
सामाजिक न्याय के महानायक लालू प्रसाद यादव
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